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टंटू आँख दिखा रय भैया, भेजा हमरौ खा रय भैया! ००० स

टंटू आँख दिखा रय भैया,
भेजा हमरौ खा रय भैया!
०००
सुना रहे हैं काव्य गैर का,
ख़ुद का उसे बता रय भैया!
०००
अब तौ बेजइ हो गइ यारो,
चोर मंच पै छा रय भैया!
०००
अब साहित्य खौं कौन सुनत है,
मान लतीफ़े पा रय भैया!
०००
करें बात जो बस द्विअर्थी,
बेई रंग जमा रय भैया!
०००
मिलवे जो कल मरे जात थे,
बेइ न घर अब आ रय भैया!
०००
'सरस' मज़े में चोर-उचक्के,
आँसू संत बहा रय भैया!

©सतीश तिवारी 'सरस' 
  #भैया...