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गज़ल " गम बहुत जिंदगी में है मेरे, मैं दिखाना नहीं

गज़ल
" गम बहुत जिंदगी में है मेरे, मैं दिखाना नहीं चाहता !
अश्क तुम भी बहाओगे सुनके, मैं रूलाना नहीं चाहता!!
।।
उस डगर का मैं मैं राही हूं यार,जिस डगर पे है कांटे हजार!
चुभ न जाए कोई कांटा तुमको,मैं चलाना नहीं चाहता!!
।।
रेत का घर है मेरा ठिकाना,जाने कब फिसल जाएगा हाथ से!
कस-म-कस में हू बस इसलिए मैं,वो दिखाना नहीं चाहता!!
।।
'मीत'रखले भरम यारी का, ज़िद न कर तु मेरी बात सुन!
कह ना पाऊंगा मैं बात यारा, और बहाना नहीं चाहता!!
meet ✍️
8/7/20
 ये ग़ज़ल बैठे-बैठे ही मेरे बकवास दिमाग में आ गई.. और मैंने लिख दिया... लेहाजा तरह-तरह के कयास
न लगाएं जाएं।। अभी मैं ड्यूटी में हूं
😊😊😊😊😀😀😊😊😊
गज़ल
" गम बहुत जिंदगी में है मेरे, मैं दिखाना नहीं चाहता !
अश्क तुम भी बहाओगे सुनके, मैं रूलाना नहीं चाहता!!
।।
उस डगर का मैं मैं राही हूं यार,जिस डगर पे है कांटे हजार!
चुभ न जाए कोई कांटा तुमको,मैं चलाना नहीं चाहता!!
।।
रेत का घर है मेरा ठिकाना,जाने कब फिसल जाएगा हाथ से!
कस-म-कस में हू बस इसलिए मैं,वो दिखाना नहीं चाहता!!
।।
'मीत'रखले भरम यारी का, ज़िद न कर तु मेरी बात सुन!
कह ना पाऊंगा मैं बात यारा, और बहाना नहीं चाहता!!
meet ✍️
8/7/20
 ये ग़ज़ल बैठे-बैठे ही मेरे बकवास दिमाग में आ गई.. और मैंने लिख दिया... लेहाजा तरह-तरह के कयास
न लगाएं जाएं।। अभी मैं ड्यूटी में हूं
😊😊😊😊😀😀😊😊😊
merajudeenmeraj4472

M.K Meet

Silver Star
New Creator

ये ग़ज़ल बैठे-बैठे ही मेरे बकवास दिमाग में आ गई.. और मैंने लिख दिया... लेहाजा तरह-तरह के कयास न लगाएं जाएं।। अभी मैं ड्यूटी में हूं 😊😊😊😊😀😀😊😊😊