#FourLinePoetry पल्लव की डायरी पनप ना इस दौर में,मुश्किल हो रहा है पौध कैसे फले फूले जड़ो को सीचना मुश्किल हो रहा है हरी भरी साख को,मिटाने का दौर चल रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #fourlinepoetry पौध कैसे फले फुले #fourlinepoetry