गलियों में मेरी इक शब जो आ जाए वो रश्क ए क़मर एक टूटते तारे को भी मैं चांद कर दूं...!! जो बैठे कभी वो पहलू में मेरे सब गिले शिकवे भूलकर ज़माने भर की मुहब्बत उनके नाम कर दूं...!! ए चांद गुजर मेरी गलियों से जाने कब से हमने ईद नही मनाई #मेराचांद #लवकोट्स #molika