ऐसी क्या भूख थी जो मिटानी थी तुझे, किसी और की मासूमियत छीन कर, क्या कसूर था उसका,कि जख्म दिया, अपनी प्यास लिए, उसे वस्त्रहीन कर, वो भी तो किसी की उम्मीद थी,सोचा नही, क्या खुद को उसकी जगह आसीन कर? क्या पा लिया तुमने भी,बेवकूफी की ये, चंद लम्हो की खातिर,उम्रभर गमगीन कर, अरे हवस का इलाज यूँ नही हुआ करता, खुद को,दूसरों को विनाश में विलीन कर, तेरी हवस का इलाज,खुद,खुदा के पास है कर कोशिश इससे खुद को स्वाधीन कर, #pinterestimage #anti_rape #yqbaba #yqdidi