"जितना भी रूह रूह के_अंशू वाहैगे, कभी समुंदर वर नहीं पाओगे, वैसे है, तुम कभी मेरे प्यार को, समाज नहीं पाओगे !" "जितना भी रूह रूह के_अंशू वाहैगे, कभी समुंदर वर नहीं पाओगे, वैसे है, तुम कभी मेरे प्यार को, समाज नहीं पाओगे !" -T8