चुप -चुप सी आंखे उसकी चुप-चुप से अल्फाज तुम्हारें चुप-चुप सी गतिविधियां उसकी चुप-चुप सी बातें तुम्हारी चुप-चुप सी शिकायतें उसकी चुप-चुप सी हंसी तुम्हारी चुप -चुप सी पुकार उसकी चुप-चुप आहटें तुम्हारी चुप-चुप सी आंखें तुम्हारी चुप-चुप सी हर बात तुम्हारी खामोशियों की सिलवटें क्यूं गहरी करतें हो दिन ब दिन खुद को क्यूं सबसे अलग करते हो ©Kajalife.... #silenceOfYourWords,Yoursmile,your stories.... #12-10-2020 #Kajalife