हम भी कुछ मजबूरियों से रुके हुए थे, हम सबसे जुदा हैं, ये जताते हैं वो, हमें रहने के कायदे बताते हैं वो हमसे अलग किरदार बनाना चाहते थे वो, अपनी फोटो हमारे साथ नहीं दिखाना चाहते थे वो, जिनका व्यक्तित्व देख रहा जमाना, बात को किसी ने ना जाना, पर लोगों का काम इल्जाम लगाना, बेगुनाह को गुनहगार कह जाते हैं, बेईमानों के घर जशन मनाते हैं। ये दुनिया हैं भई, यहां शरीफ किसी को रास आया नहीं, और गुनहगार किसी का हो पाया नहीं। ©jyoti gurjar #aloan