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हम भी कुछ मजबूरियों से रुके हुए थे, हम सबसे जुदा ह

हम भी कुछ मजबूरियों से रुके हुए थे,
हम सबसे जुदा हैं, ये जताते हैं वो,
हमें रहने के कायदे बताते हैं वो
हमसे अलग किरदार बनाना चाहते थे वो,
अपनी फोटो हमारे साथ नहीं दिखाना चाहते थे वो,
जिनका व्यक्तित्व देख रहा जमाना,
बात को किसी ने ना जाना,
पर लोगों का काम इल्जाम लगाना,
बेगुनाह को गुनहगार कह जाते हैं,
बेईमानों के घर जशन मनाते हैं।
ये दुनिया हैं भई,
यहां शरीफ किसी को रास आया नहीं,
और गुनहगार किसी का हो पाया नहीं।

©jyoti gurjar #aloan
हम भी कुछ मजबूरियों से रुके हुए थे,
हम सबसे जुदा हैं, ये जताते हैं वो,
हमें रहने के कायदे बताते हैं वो
हमसे अलग किरदार बनाना चाहते थे वो,
अपनी फोटो हमारे साथ नहीं दिखाना चाहते थे वो,
जिनका व्यक्तित्व देख रहा जमाना,
बात को किसी ने ना जाना,
पर लोगों का काम इल्जाम लगाना,
बेगुनाह को गुनहगार कह जाते हैं,
बेईमानों के घर जशन मनाते हैं।
ये दुनिया हैं भई,
यहां शरीफ किसी को रास आया नहीं,
और गुनहगार किसी का हो पाया नहीं।

©jyoti gurjar #aloan
janviigurjar7511

jyoti gurjar

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