इबादते छोड़ अब मयखाने जाना हैं हमें एक दो जाम नहीं बेहिसाब पीना हैं हमें रिश्तों का लिहाज़ रखतें आए ता-उम्र बेरुखी सें मिज़ाज़ ख़त्म करना हैं हमें ज़रा सें फरेब सें रूह काँपती थी हमारी लोगो सें मिलकर फरेब सीखना हैं हमें ज़ख्म देने सें काफ़िर बनूँगा वाक़िफ़ हूँ मोहब्बत सें कोनसी जन्नत मिली हैं हमें मिज़ाज़-ए-खंजर बख़्श दो मुझें कुमार ख़ुद की शख्सियत का कत्ल करना हैं हमें —Kumar✍️ ©The Unstoppable thoughts #lonely #Nojoto #nojotowriters #NojotoFilms #NojotoFamily #na #nojotourdu #nojotohindi #nojotopeople #nojotoapp