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*ग़ज़ल* मुहब्बत का इज़हार कैसे करूँ। मैं इस

*ग़ज़ल* 

मुहब्बत    का   इज़हार  कैसे करूँ।
मैं इस दिल को गुलज़ार  कैसे करूँ।

लजाने    लगा    है    मुझे   आईना,
तो फिर अब  मैं  सिंगार  कैसे करूँ।

बताए    मुझे     कोई    तन्हाई   से, 
अकेले      मैं     तकरार  कैसे करूँ।

खड़ी   हैं  ये  दीवारें  जब  हिज़्र  की,
सनम   का   मैं    दीदार  कैसे करूँ।

उन्हें  प्यार है दिल से  जब 'सूफ़िया',
तो   मैं  उनसे   इनकार  कैसे करूँ।

'सूफ़िया' ज़ैदी

©Sufia Zaidi
  #Isolation  बुशरा तबस्सुम