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ख्वाइश-ए-दिल्लगी सब करना तुम साजिश-ए-बेवफ़ा गर जरू

ख्वाइश-ए-दिल्लगी सब करना तुम 
साजिश-ए-बेवफ़ा गर जरूरत पड़े तो बनना तुम
बढ़े चलो बढ़े चलो के नारे लगाके आगे बढ़ते रहना तुम
ठोकरों से खुदको संभलना तुम 
मेहेज़, सहज़ नहीं है ज़िन्दगी को आसानी से जी लेना 
खुशियों के शराब के साथ ज़रा गमों का काढ़ा भी पी लेना 
कौन जाने कल को सवाब भी कब जवाब दे जाए
कौन जाने किसीका ना होना ज़िन्दगी भर का अभाव दे जाए  #कसौटी
ख्वाइश-ए-दिल्लगी सब करना तुम 
साजिश-ए-बेवफ़ा गर जरूरत पड़े तो बनना तुम
बढ़े चलो बढ़े चलो के नारे लगाके आगे बढ़ते रहना तुम
ठोकरों से खुदको संभलना तुम 
मेहेज़, सहज़ नहीं है ज़िन्दगी को आसानी से जी लेना 
खुशियों के शराब के साथ ज़रा गमों का काढ़ा भी पी लेना 
कौन जाने कल को सवाब भी कब जवाब दे जाए
कौन जाने किसीका ना होना ज़िन्दगी भर का अभाव दे जाए  #कसौटी
rakeshkumar6664

Rakesh Kumar

New Creator