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तूझे पाने की चाहत में । ...... मे अपनो से दिन रात

तूझे पाने की चाहत में ।
......
मे अपनो से दिन रात लडा़।
........
तूझे कमाने की चाहत में।
.....
में खूद को किया मझदार में खड़ा।

.....
तू चीज ऐसी हैं कभी समझ ही ना आयी।

बस हर किसी को तू हैं भाई।
....
अभी अपना झगड़ा मिटा नहीं।
.....
ये तीसरा कोन आया ।
....
वाह रे माया तेरी है, अजब ये काया ।
......
जिंदगी लगा दी मेने तूझे अपना बनाने के लिए।
.......
ओर तूने अपनो को ही मेरे पिछे लगा दिया।
.......
दुशमनी को भरपूर निभाने के लिए।
......
कमाई मेरी हैं पर हक सबको चाहिए।
.....
बस!मुँह मेरा उनको ना दिखना चाहिए।

-ज्योति वाह रे माया ........कविता
तूझे पाने की चाहत में ।
......
मे अपनो से दिन रात लडा़।
........
तूझे कमाने की चाहत में।
.....
में खूद को किया मझदार में खड़ा।

.....
तू चीज ऐसी हैं कभी समझ ही ना आयी।

बस हर किसी को तू हैं भाई।
....
अभी अपना झगड़ा मिटा नहीं।
.....
ये तीसरा कोन आया ।
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वाह रे माया तेरी है, अजब ये काया ।
......
जिंदगी लगा दी मेने तूझे अपना बनाने के लिए।
.......
ओर तूने अपनो को ही मेरे पिछे लगा दिया।
.......
दुशमनी को भरपूर निभाने के लिए।
......
कमाई मेरी हैं पर हक सबको चाहिए।
.....
बस!मुँह मेरा उनको ना दिखना चाहिए।

-ज्योति वाह रे माया ........कविता
janviigurjar7511

jyoti gurjar

Bronze Star
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