ज़िन्दगी उस किताब सी है जिसके बहुत से पन्ने मह़ज इस लिए नहीं पलटता हूँ ग़र बिखर गये तो पहले की तरह सिले नहीं जायेंगे हर्फ़ - दर- हर्फ़ उन पर नमी समायी हुई है जैसे वर्षों पुरानी #मुश्किल_पन्ने#जि़न्दगी