ये जिंदगी हमको हमारी नही लगती समझदार समझौतों में सिमटना हमको समझदारी नही लगती ये जिंदगी हमको हमारी नही लगती और देख सकता हूँ मैं भी वो सपने जो मेरे नही पर ऐसी आंखे होकर भी हमारी नही लगती समझदार समझौतों में सिमटना हमको समझदारी नही लगती सिसकियाँ थामकर सांस में कैद करना नमी अब होठों पे मुस्कुराहट प्यारी नही लगती ये जिंदगी हमको हमारी नही लगती समझदार समझौतों में सिमटना समझदारी नही लगती ©Sarthak dev ye jindagi hmko hmari nhi lagti #Bookoflife