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क्या कहूँ? कहूँ के, दिल चाहता है तेरे होठों से चं

क्या कहूँ?
कहूँ के, 
दिल चाहता है तेरे होठों से चंद मीठी बातें सुनना, 
के बड़ा मुश्किल सा है तुझमे और ज़न्नत में किसी एक को चुनना,, 
क्या कहूँ? 
कहूँ के तुझे देखते हुवे मैं सारी रात गुज़ार सकता हुँ, 
दिल बिगड़ जायेगा तेरी मोहब्बत में,  
मगर मैं खुद को सुधर सकता हुँ,,
 ये तेरी मोहबत का नशा है जो, 
 मुझे हर पल मदहोश कर रहा है, 
शराब की क्या बिसात इस नशे को मैं पल में उतर सकता हुँ,, 
क्या कहूँ? क्या कहूँ?  (part-2) check out my profile for full poetry,,
क्या कहूँ?
कहूँ के, 
दिल चाहता है तेरे होठों से चंद मीठी बातें सुनना, 
के बड़ा मुश्किल सा है तुझमे और ज़न्नत में किसी एक को चुनना,, 
क्या कहूँ? 
कहूँ के तुझे देखते हुवे मैं सारी रात गुज़ार सकता हुँ, 
दिल बिगड़ जायेगा तेरी मोहब्बत में,  
मगर मैं खुद को सुधर सकता हुँ,,
 ये तेरी मोहबत का नशा है जो, 
 मुझे हर पल मदहोश कर रहा है, 
शराब की क्या बिसात इस नशे को मैं पल में उतर सकता हुँ,, 
क्या कहूँ? क्या कहूँ?  (part-2) check out my profile for full poetry,,
prakash4355

prakash

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