कुछ ज़ख्म है दिल में बर्षों के, भुलाए भूले नहीं जाते हैं, चुभते हैं खंजर से जैसे, हर दर्द नासूर बन जाते हैं, बदले की आग में हम जलना नहीं चाहते, पर यादें हर ज़ख्म ताजा कर जाते हैं, और वो कहते हैं ना "वक़्त बदलता है एक दिन हर किसी का", बस उस वक़्त के इंतेज़ार में, न जाने हम कितने जख़्मों को भुला देते हैं। ©Alpana Sharma #जख्म #याद #यादें #wakt #intejar #Shayari #Nojoto #nojotohindi #Hindi #Bonfire