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किन-किन सलीक़ों से *बार-ए-ग़म उठाया गया क्या कहिए

किन-किन सलीक़ों से *बार-ए-ग़म उठाया गया
क्या कहिए के किस क़दर मातम उठाया गया
(*दुख का बोझ)

क्या मजाल कि फूटती न हो राहगुज़र
*सू-ए-मंज़िल जब-जब क़दम उठाया गया
(*मंज़िल की ओर)

क्या-क्या न उनको था *गुमां मुहब्बत का
क्या-क्या न हम पे था सितम उठाया गया
(*ग़लतफ़हमी)

कब-कब न हुआ *इम्तिहाने-ग़म-ए-ज़ीस्त
कब न चार कंधों पे आदम उठाया गया
(*ज़िंदगी के दुखों की परीक्षा)

कई थीं नाउमीदियां, जहां से कट लिए
कि और न जिंदगी का सितम उठाया गया

यूं ही लिखने का नहीं शौक हमें 'ज़ैफ़'
*कुश्त-ए-दर्द थे सो क़लम उठाया गया
(*दर्द के मारे)

©Yamit Punetha [Zaif] maatam uthaya gaya

#Anhoni #Zaif
किन-किन सलीक़ों से *बार-ए-ग़म उठाया गया
क्या कहिए के किस क़दर मातम उठाया गया
(*दुख का बोझ)

क्या मजाल कि फूटती न हो राहगुज़र
*सू-ए-मंज़िल जब-जब क़दम उठाया गया
(*मंज़िल की ओर)

क्या-क्या न उनको था *गुमां मुहब्बत का
क्या-क्या न हम पे था सितम उठाया गया
(*ग़लतफ़हमी)

कब-कब न हुआ *इम्तिहाने-ग़म-ए-ज़ीस्त
कब न चार कंधों पे आदम उठाया गया
(*ज़िंदगी के दुखों की परीक्षा)

कई थीं नाउमीदियां, जहां से कट लिए
कि और न जिंदगी का सितम उठाया गया

यूं ही लिखने का नहीं शौक हमें 'ज़ैफ़'
*कुश्त-ए-दर्द थे सो क़लम उठाया गया
(*दर्द के मारे)

©Yamit Punetha [Zaif] maatam uthaya gaya

#Anhoni #Zaif
yamitpunethazaif3604

Zᴀɪꜰ

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