इश्क़ की तपती लौ पर, इक़ ख़्वाब सेक रहे थे, साँसों की बढ़ती तपिश में, हम एक हो रहे थे बुझ गया इश्क़ का दीया तो क्या हुआ.. यादों की चिंगारी आज भी भड़कती है.. #इश्क़ #लौ #ख़्वाब #तपिश #साँसें #yqdidi #yqbaba #drglove