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पता नही क्यों उन्हें देखने को इच्छा हो गई ना वो बा

पता नही क्यों उन्हें देखने को इच्छा हो गई
ना वो बात करती थी ना मुझे जानती थी
मैं उन्हें रोज देखा करता था ओर कुछ दिनों से वो दिखी नही।
मेरी आखों में कोई खुशी नही थी बस एक गम सता रहा था वो बूढ़ी दादी कहा है।

*वो हमारे काम का हो या ना हो,उसको कमी उसके ना होने से पता चलती है।*

©Rishiraj sharma बूढ़ी दादी
पता नही क्यों उन्हें देखने को इच्छा हो गई
ना वो बात करती थी ना मुझे जानती थी
मैं उन्हें रोज देखा करता था ओर कुछ दिनों से वो दिखी नही।
मेरी आखों में कोई खुशी नही थी बस एक गम सता रहा था वो बूढ़ी दादी कहा है।

*वो हमारे काम का हो या ना हो,उसको कमी उसके ना होने से पता चलती है।*

©Rishiraj sharma बूढ़ी दादी

बूढ़ी दादी #विचार