देश में एक बार फिर समलैंगिक विवाह को कानून बनाने के मुद्दे पर विवाद हो रहा है केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है इसमें समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया गया हिंदू धर्म में समलैंगिक विवाह को स्वीकृति नहीं दी गई है ऋषि मुनियों देवता और असुरों ने कभी भी समलैंगिक विवाह को ज्यादा नहीं दी समलैंगिक विवाह को कानून बनाने का विरोध ना सिर्फ केंद्र कर रहा है बल्कि साधु संत भी कर रहे हैं लोगों का भी कहना है कि यह अनैतिक कार्य है जिस को मान्यता नहीं देनी चाहिए बहरहाल इस कानून को मान्यता मिलेगी या नहीं यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा ©Ek villain #JodhaAkbar समलैंगिक विवाह जायज है या नाजायज