पकड़ कर रखते हैं ताउम्र बचपना अपना, बचपन मे ही बडे हो गए लोगों की ये आदत होती है। कि खुदा दूर ही रखे मोहब्बत को इनसे, ये टूटे हुए दिलों की चाहत होती है। आखिर एक बार मे ही ये मर क्यों नहीं जाते, रोज रोज इनकी खुद से बगावत होती है। हँसाते रहते हैं रोते हुए को, हमारी तो यूँ ही इबादत होती है। आसूं गिरने लगते हैं लिखने की कोशिश मे, जिक्र में जज्बातों की शहादत होती है। #Hoti_hai #Life #Ghazal #गजल #शायरी #Nojotohindi