तोहफे में किताबें दें. बचपन में एक तोहफा मिला, किताब पाई जो खत्म ना हो ऐसी, गुल्लक आई हर बार पढ़ने पर कुछ नया मिलता है उसी पन्ने में फिर एक नया पन्ना खुलता है हर चीज जिसका इस्तेमाल करो खत्म तो हो ही जाती है यह किताबें ही हैं जिन्हें खत्म करो पर खाली नहीं हो पाती हैं। हर किताब में, हम खुद को एक नए रूप में पाते हैं किताबें पढ़ते पढ़ते, कितने ही किरदार जी जाते हैं किताबें बोलती नहीं बस कई राज छुपाये बैठी हैं पढ़ना शुरू करो तो उनकी खामोशी भी समझ आती है यहाँ शब्दों में भाव है, किरदार है, विचार है कभी तलवार की धार है, तो कभी भावनाओं का संचार है समझते बूझते उम्र बीत जाती है किताबें हर पन्ने पर लेखक के तजुर्बी का अनुभव दिलाती हैं कभी रुलाती, कभी हंसाती, हर भावना का एहसास कराती है यह किताबें बहुत कुछ सिखाती है कल्पना के पंखों पर मीलों की सैर किताबों से होती है यह पल भर में समय और दूरी का फर्क मिटा देती है ऐसा यह तोहफा है जिसे बार बार हम खोलते हैं जिसने दिया उसका नाम पहले पन्ने पे पाते हैं किताबों को ना बांधो, उन्हें भी सफर करने दो जब खुद पढ़ लो, तो किसी और को पढ़ने दो क्यों ना अब से तोहफे में किताब दें जो खत्म ना हो ऐसी सौगात दें। ©SUNIL SAXENA HARSAC #Nojoto #aazadi #nozotohindi #NojotoAnniversary2021 #GirlEducation