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शांत से रहते थे कभी भीड़ में, नजाने क्यूं अब बोलने

शांत से रहते थे कभी भीड़ में,
नजाने क्यूं अब बोलने लगे।
बंद किताब सी नजाने कब ,
खुली किताब की तरह पन्ने बिखेरने लगे।

©jyoti rashmi ntl
  #astrology 💞
on 28 nov at 10:08pm

#astrology 💞 on 28 nov at 10:08pm #Thoughts

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