तुम सुनो तो बताऊं जज़्बात क्या थे, मर्ज़ी हो तो बताऊं वो राज़ क्या थे , थे कुछ ख्वाब आंखों मैं बसे , हाँ सुनाने थे तुमको ये दिल के साज़ क्या थे।। #fromthediaryofAashnaAfroz #dilkeraaz