Nojoto: Largest Storytelling Platform

कविता: शिवलिंग अलिंग जो शर्व है, जो न दृश्य है न

कविता: शिवलिंग

अलिंग जो शर्व है, जो न दृश्य है न ज्ञात है,
वह श्रोत है ब्रम्हाण्ड का, ऐसा विख्यात है।
सर्प की सी कुंडली को अनंत तू आकाश जान,
अंड रूप ब्रम्ह है, आधार शक्ति रूप मान।।

शक्ति ही ब्रम्हाण्ड को अनन्त तक है बाँधती,
शक्ति से आकार है, अव्यक्त जननि ज्ञान की।
अनंत, ब्रम्ह और शक्ति ही लिंग से अर्थात है,
शिवलिंग रूप अलिंग का, जो न दृष्य है न ज्ञात है।।

ॐ नमः शिवाय।।

~अभिजीत दे।

©Abhijeet Dey #shivalingam  Mani Anwesha Rath Anand Pandey Vishwa Prakash kavita ranjan
कविता: शिवलिंग

अलिंग जो शर्व है, जो न दृश्य है न ज्ञात है,
वह श्रोत है ब्रम्हाण्ड का, ऐसा विख्यात है।
सर्प की सी कुंडली को अनंत तू आकाश जान,
अंड रूप ब्रम्ह है, आधार शक्ति रूप मान।।

शक्ति ही ब्रम्हाण्ड को अनन्त तक है बाँधती,
शक्ति से आकार है, अव्यक्त जननि ज्ञान की।
अनंत, ब्रम्ह और शक्ति ही लिंग से अर्थात है,
शिवलिंग रूप अलिंग का, जो न दृष्य है न ज्ञात है।।

ॐ नमः शिवाय।।

~अभिजीत दे।

©Abhijeet Dey #shivalingam  Mani Anwesha Rath Anand Pandey Vishwa Prakash kavita ranjan
abhijeetdey2871

Abhijeet Dey

New Creator