और तुम्हारी प्रेमिका तो "अवधूत" है समय को भी रोक दे अपनी आंखो की पुतलियों के केंद्र में ; फ़िर ये रेखाएं क्या चीज हैं काल्पनिक ही तो हैं मिटा देंगे ये विभाजन की रेखाएं भी ।। - Anjali Rai (शेष अनुशीर्षक में) तुम्हें पता है जब भी इन अक्षांशीय रेखाओं को देखती हूं तो हथेलियों की रेखाओं सी लगती हैं; मानो विभाजन के लिए