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कितना अकेला हूं मैं अक्सर सोचता हूं कमबख्त उसकी तस

कितना अकेला हूं मैं अक्सर सोचता हूं
कमबख्त उसकी तस्वीर भी साथ नहीं दे रही 
मेरी इस तन्हाई में मांगता हूं मौत उस खुदा से
 और उस खुदा को मेरी मौत की  आवाज सुनाई नहीं दे रही हो

©Rajkumar Guptha heart tach
कितना अकेला हूं मैं अक्सर सोचता हूं
कमबख्त उसकी तस्वीर भी साथ नहीं दे रही 
मेरी इस तन्हाई में मांगता हूं मौत उस खुदा से
 और उस खुदा को मेरी मौत की  आवाज सुनाई नहीं दे रही हो

©Rajkumar Guptha heart tach