छोटी सी गौरैया, नन्ही सी चिड़िया उड उड आती थी, मन को लुभाती थी चर-चर, चर-चर , तेरी मीठी मधुर आवाज से सुबह कि जो नींद खुल जाती थी सुबह शाम यहां से वहां, उड़ती जो रहती थीं तुझे चर-चर करते देख ,सबको जो प्यार आता था, तेरे वो गुन-गुन गीत सुनने को तुम्हें देखने को अब ये मन तरस जाता हैं घर हैं मेरा पर मेरे घर कि, रोनक तु कहां गयी नया बसेरा भले बसा ले ,पर कुछ गीत हमें भी सुना दे आजा मेरी छोटी गौरेया, आजा मेरी प्यारी चिड़िया ©Rakhi Jain #sparrowday #rakhijain #sparrow