तुम ख़ुश हो कि तुमने मुझे ठुकरा रखा है मैं भी दुखी नही हूँ क्योंकि मैंने ख्वाबों तुम्हे पा रखा है मुहब्बत इतनी है कि तुम्हारी इनकार से ही मौत की नींद सो गए होते मगर मैंने अब तक उन हौशलों को जगा रखा है मेरे टूटे पल।।।।