जो दर्द-ए-इंतेहा ना हो तो मोहब्बत में मज़ा क्या है, गुनाह है गर तेरी नजर में इश्क तो तेरी रजा क्या है, वो मिरी जान से किसी और की बेगम जान हो गई, मैं खड़ा हूं तेरे दरवाजे ए खुदा बता मेरी सजा क्या है.. ✍🏻✍🏻उत्कर्ष रस्तोगी #hands ꧁●◆●⋆Neha●◆● ⋆꧂ Roshani Thakur Roy Megha.....♥♥