तेरा कसूर नहीं ये जो तू गुस्से में आ गया। पैसों का ज़ोश था जो तेरे लहजे में आ गया। सिक्का उछाल के जो पास बचा तेरे वो गुरुर तो मेरे हिस्सें में आ गया। यूँ तो बहुत उदास था मैं भी तुझसे रूठकर मैंने मनाना चाहा तो तू फिर नखरे में आ गया। दोनों दिल जंग को तैयार ही थे की फिर कुछ यूं हुआ.... मेरा मुकद्दर ही मेरे खेमे में आ गया।। ©Anmol Singh (AS) #betrayal #Life #story #of #Broken #Heart