मुनासिब नहीं के तेरा नाम लूँ मै दुनिया के आगे तूझे थाम लूँ तेरा ज़िक्र करता फ़िरू हर घड़ी ये आदत से कैसे मै आराम लूँ तेरे होंठ से मुझको पीने मिले ये चाहत है इक ऐसा अब जाम लूँ सफर इश्क़ का हो मुबारक मुझे तेरा साथ मै अब सुबाह शाम लूँ बहुत देखे है मैंने 'आबिद' यहां इबादत से मैं थोड़ा आराम लूँ मुनासिब नहीं #yqsayyed #munasibnahin #collab #yqbhaijan #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Bhaijan