जब भी देखते थे,पीपीई किट धारी को, हवा टाईट हमारी हो जाती थी, मोबाईल उठाकर शूटींग करना, नित नवीन प्रक्रिया,जारी रहती थी। पता नहीं कब तक जिएंगे,यह सोंच कर दिल भर जाता था। अलग-अलग पकवान बनाकर मन को बहलाया जाता था। मुंबई की हालत खराब,चलो भाग कहीं हम जाते हैं। संचारबंदी जैसे हटे,अपने आपको ठिकाने लगाते हैं। कुछ समय बाद आई अनलाॅक की बारी, सफर का परमिशन लिए,करने गाडी की सवारी। एम्बुलेंस की आवाज़ सुनते ही,बढती थी धडकन की आवाज़ देख किसी पूरे परिवार को पाॅजिटीव शेष न रहते थे कोई अल्फाज़। अब थोडी बहुत कंडीशन ठीक होने आई, नही चाहते फिर से उन स्थितियों को देखना हम भाई। वायरस का तुरंत अंत हो,निकल जाए जल्द कोई वैक्सीन, फिर से सामान्य जिंदगी चले न रहे जीवन में कोई टाॅक्सीन्स।। Hello Resties!❤️ #RZToPoWriMo4 is for you to write a POEM on the topic My Lockdown Diary/ मेरी लॉकडाउन डायरी • Write about your lockdown experiences as a poem. • You can attempt it in both Hindi and English 😁