ढूंढ रहा था जरिया,, क्यूंकि अल्फाजों का , मुझ में था एक दरिया,, फिर तुम से हुई यारी और चल पड़ी हमारी गाड़ी,, अच्छे शायरों की एक जगह मिली,, सीखने की नई वजह मिली दोस्ती को अपनी नए आयाम मिले, इस family का एक member , हम भी हो चले,,,😊😊 1st anniversery of nojoto #nojoto#poem#on#completion#one#year