#रिपोस्ट करो 😊 जानती हो दीदी रेत पर अक्सर मैं अपना नाम लिखती थी अब मैं मल्लिका लिखती हु जब हॅस कर चंचलता बिखेरती हो सबसे बड़ी बात बातो में कोई फ़िल्टर नही तुम अपने कुछ शब्द मुझे दे दो अपनी कहानियो और कविताओ के कुछ पात्र दे दो तुम अपने शब्दो की खनखनाहट दे दो जानती हो दीदी तुम जब आटा बनकर ढीट बच्ची खुद को बोलती हो हाय, दिसंबर की कसम जब कहती हो तुम्हारे हर किस्सों को संभाल कर रखती हु जानती हो दीदी अब सबके चेहरे पर मल्लिका की मुस्कुराहट है तुम ह्रदय में घर बना ली हो ऎसी किरायदार लगती हो जो सुबह सुबह टंकी में पानी चढ़ाने के लिए मकान मालिक से उलझ जाये 😊 सुनो दीदी , तुम चाँद से खूबसूरत हो तुम "पुरिया धनाश्री "हो सच में......... ©Mallika