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White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर मैं राह देखत

White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर
मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर 
सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2
सोचते की कैसे हो गई बेपीर

©कवि प्रभात #good_night  प्यार पर कविता कविता कोश
White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर
मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर 
सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2
सोचते की कैसे हो गई बेपीर

©कवि प्रभात #good_night  प्यार पर कविता कविता कोश