सारी रात मैं सुलगता रहा, वो मेरे साथ जलता रहा मैं सुलग-सुलग के घुटता रहा, वो जल-जल के, ऐश-ट्रे में गिरता रहा, गमों से तड़प के मैं हर बार सुलगता रहा न जाने वो किस ग़म में हर बार जलता रहा मैं अपनी सुलगन को उसकी धुएँ में उछालता रहा, वो हर बार अपनी जलन को ऐश-ट्रे में डालता रहा, घंटों तलक ये सिलसिला बस यूँ ही चलता रहा मैं हर बार सुलगता वो हर बार जलता रहा मेरी सुलगन और उसकी जलन से ऐश-ट्रे भरता रहा, भरता रहा...!! #Alfazeinder#smike