बचपन में प्रपोस करने के तरिके ही कुछ अलग थे हैना 1 .सड़क के किनारे के गडढे़ से घेघवा (दलकच्चु) के फूल या करमी के फूल ज्यादा से ज्यादा पटवा के रस्सी के झुले इतना ही काफी था। और अब तो ओप्पो या भिभो के फोन के साथ ही साथ गिफ्ट में पैक किया गया गुलाब फूल भला कैसे मुहब्बत करे कोई सच में जमाना बदल गया है अबु सुफियान""इसमत"" डेहटी ककोड़वा जिला अररिया बिहार बचपन में प्रपोस करने के तरिके