हार से मैंने न समझौता किया है जीत मेरे कण्ठ को माला चढ़ाती कर्म को मैंने सदां ही श्रेष्ठ माना कर्म की गति धर्म की महिमा बढ़ाती । #india #preeti dadhich #dsuyal