तुम्हारे लिए नहीं है अब ये रंज ओ गम की बातें, ये आंसुओं से भरी बोझिल आंखों की रातें। तुम्हारे लिए मांग रहे हैं जो रब से 'धीर', खुशियों का आगाज़ करते दिन, और पूर्णिमा सी जगमगाती रातें।। ©Dheer #dheer #Hindi #Shayari #hindipoetry