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पी की राह निहारे नैना, बरसे अब ये दिन और रैना, ग

पी की राह निहारे नैना, 
बरसे अब ये दिन और रैना, 
गरजे जब घनघोर घटायें, 
थर- थर मेरा दिल ये कांपे, 
जब भी बरसे रिमझिम बुँदे, 
याद करूँ उसे आँखें मूंदे, 
जब-जब बिजली जोर से कड़के, 
धक- धक मेरा जियरा धड़के, 
जाने क्यूँ मुझे भूल गया वो, 
फिर भी मन मेरा उसे ही ढूंढे, 
चैन न पाए हर पल रोए, 
जाने क्यों बिन उसके तड़पे, 
एक पल भी ना पाए चैना, 
पी की राह निहारे नैना।।

©Tripti singh
  #Barsaat #tum