फिर एक बार हम तुमसे जुदा हो रहे हैं शहर से तुम्हारे हम कल विदा हो रहे हैं फिर एक बार तुम्हारी यादो में रोयेंगे ओढ़कर गमो का चादर खुली आँखों से सोयेंगे फिर एक बार रोज मरना-जीना होगा भुलाने को गमे-ए-दिल जुदाई का घुट पीना होगा फिर एक बार हम तुम बिन एकाकी होंगे साथ देने वाले कोई होंगे तो साकी होंगे फिर एक बार हम तुमसे जुदा हो रहे है शहर से तुम्हारे हम कल विदा हो रहे है... ©Anjay kumar #विदा #phirse #City