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बेटी हो या बेटा माँ की ममता तो दोनों पर बरसती है

बेटी हो या बेटा 
माँ की ममता तो दोनों पर बरसती है
देती जन्म बेटी को जिस तरह
बेटे को भी तो वैसे दुनिया में लाती है
क्यूँ फिर एक दिवस विशेष पर
बेटे को अनदेखा किया जाता है
दिया हो बेटी को जन्म अगर तो
सौभाग्यशाली माना जाता है
और बेटे को उस क्षण क्यों
गिनती से बाहर किया जाता है
अच्छा है बिटिया पले-बढ़े सम्मान मिले
समाज की सोच को सही आकार मिले
लेकिन पुराने तीर को नये बाण से
विपरीत दिशा में क्यूँ दागा जाता है
थी बिटिया वंचित पहले जब
अब बेटे में हीनता का भाव क्यूँ लाया जाता है
देती जन्म माँ बेटी को पहले
अभागी वो मानी जाती थी
अब नहीं बेटी उसके घर तो
लक्ष्मीविहीन वो मानी जाती
क्या अंतर रह जाता समाज की सोच में
पहले जो था अब भी तो वही है
अंतर तब होगा जब
एक संतान दिवस मनाया जायेगा
अपना हो या पराया बच्चा
लड़का-लड़की का भेद ना कर
सबको प्यार सम्मान दिया जायेगा
मातृत्व की शक्ति का मान बढ़ाया जायेगा आज बेटी दिवस पर मन में अनेक विचार उमड़ आए....पढ़ें और अपनी राय दें...🙏

बेटी हो या बेटा 
माँ की ममता तो दोनों पर बरसती है
देती जन्म बेटी को जिस तरह
बेटे को भी तो वैसे दुनिया में लाती है
क्यूँ फिर एक दिवस विशेष पर
बेटे को अनदेखा किया जाता है
बेटी हो या बेटा 
माँ की ममता तो दोनों पर बरसती है
देती जन्म बेटी को जिस तरह
बेटे को भी तो वैसे दुनिया में लाती है
क्यूँ फिर एक दिवस विशेष पर
बेटे को अनदेखा किया जाता है
दिया हो बेटी को जन्म अगर तो
सौभाग्यशाली माना जाता है
और बेटे को उस क्षण क्यों
गिनती से बाहर किया जाता है
अच्छा है बिटिया पले-बढ़े सम्मान मिले
समाज की सोच को सही आकार मिले
लेकिन पुराने तीर को नये बाण से
विपरीत दिशा में क्यूँ दागा जाता है
थी बिटिया वंचित पहले जब
अब बेटे में हीनता का भाव क्यूँ लाया जाता है
देती जन्म माँ बेटी को पहले
अभागी वो मानी जाती थी
अब नहीं बेटी उसके घर तो
लक्ष्मीविहीन वो मानी जाती
क्या अंतर रह जाता समाज की सोच में
पहले जो था अब भी तो वही है
अंतर तब होगा जब
एक संतान दिवस मनाया जायेगा
अपना हो या पराया बच्चा
लड़का-लड़की का भेद ना कर
सबको प्यार सम्मान दिया जायेगा
मातृत्व की शक्ति का मान बढ़ाया जायेगा आज बेटी दिवस पर मन में अनेक विचार उमड़ आए....पढ़ें और अपनी राय दें...🙏

बेटी हो या बेटा 
माँ की ममता तो दोनों पर बरसती है
देती जन्म बेटी को जिस तरह
बेटे को भी तो वैसे दुनिया में लाती है
क्यूँ फिर एक दिवस विशेष पर
बेटे को अनदेखा किया जाता है