जागता रहा यूं ही सारी-सारी रात फिर भी ना तुझसे कर सका बात इसी कश्मकश में हो गई सुबहा कैसे बताऊं तुझको आखिर अपने हालात काश मजबूरी मेरी समझ पाए तू संगदिल पढ़ पाए जज्बातों में उभरते अलामात बाजी दर बाजी जीत रहे हादसे जिंदगी के खेल में मिल रही है मात ख्याल-ए-यार में बैठा अंधेरे में विजय गुमसुम पकड़ ये डोर उम्मीद के बस एक तेरा साथ... अलामात (अलामत) = लक्षण, चिन्ह, व्यवहार #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqlove #yqshayri #yqurdu #yqlife #yqkavita