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मौन रह जाती हूं अब अक्सर, लब कुछ कहने से पहले थर्र

मौन रह जाती हूं अब अक्सर,
लब कुछ कहने से पहले थर्रातें हैं।
जो इन लाचार बेबस की व्यथा न सुन सका,
वो मेरी चीख भला क्या सुनेगा?
जिन्हे मौत का भी भय नहीं है,
बस दो जून रोटी की चिंता है।
उनके भूख की डकार को जो चुपचाप सहता है,
वो मेरी आह की आवाज भला क्या सुनेगा?
अब सब विद्रोह निरर्थक लगता है,
अब ना ही कोई आस बाकी है,
इन आंसू को जो मैं शब्द देती हूं,
उसे क्या इतनी फुर्सत है,जो भला वो ये पढ़ेगा?
होगा कहीं व्यस्त अपने जुमलेबाजी में,
कहीं फिर से बहारों का वादा कर रहा होगा।
ये जो कल के भविष्य काल के गाल में जा रहे हैं,
उसे क्या है भला इससे?उसका भविष्य थोड़ी न बिगड़ेगा।  कोई कविता नहीं लिखी गई है महज मेरे दुख़ व क्रोध हैं,खुद को रोक नहीं पाई और चंद पंक्तियां लिखी हूं। ख़ुद को लाचार, बेबस महसूस कर रही हूं कि अपने देश को बचाने के लिए घर में रहने के सिवा और कुछ नहीं कर पा रही हूं।और जिनके पास सत्ता है वो आत्मुग्धता के मारे हैं।अब तो वाकय इन मामलों पर उदासीन रहने का मन करता है,क्या होगा चीख - चिल्ला के कौन सुनेगा हमारी?😓 बहुत भारी मन से ये लिखी हूं और अच्छा तो बिल्कुल नहीं लग रहा है कि इतने दिन के बाद गर कुछ लिखूं तो वो मेरे आंसू लिखवाए।😥 (संभवतः काफी   त्रुटियां होंगी,कृपया साहित्य से जोड़ कर न देखें।🙏) 
मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रख रही हूं...आशा करती हूं आप लोग भी स्वस्थ होंगे और इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को सक्षम कर लिए होंगे। धन्यवाद.

#stayhome #staysafe #biharpolitics #nitishkumar #corona_awareness #yqdidi #jhapost #नवरूप
मौन रह जाती हूं अब अक्सर,
लब कुछ कहने से पहले थर्रातें हैं।
जो इन लाचार बेबस की व्यथा न सुन सका,
वो मेरी चीख भला क्या सुनेगा?
जिन्हे मौत का भी भय नहीं है,
बस दो जून रोटी की चिंता है।
उनके भूख की डकार को जो चुपचाप सहता है,
वो मेरी आह की आवाज भला क्या सुनेगा?
अब सब विद्रोह निरर्थक लगता है,
अब ना ही कोई आस बाकी है,
इन आंसू को जो मैं शब्द देती हूं,
उसे क्या इतनी फुर्सत है,जो भला वो ये पढ़ेगा?
होगा कहीं व्यस्त अपने जुमलेबाजी में,
कहीं फिर से बहारों का वादा कर रहा होगा।
ये जो कल के भविष्य काल के गाल में जा रहे हैं,
उसे क्या है भला इससे?उसका भविष्य थोड़ी न बिगड़ेगा।  कोई कविता नहीं लिखी गई है महज मेरे दुख़ व क्रोध हैं,खुद को रोक नहीं पाई और चंद पंक्तियां लिखी हूं। ख़ुद को लाचार, बेबस महसूस कर रही हूं कि अपने देश को बचाने के लिए घर में रहने के सिवा और कुछ नहीं कर पा रही हूं।और जिनके पास सत्ता है वो आत्मुग्धता के मारे हैं।अब तो वाकय इन मामलों पर उदासीन रहने का मन करता है,क्या होगा चीख - चिल्ला के कौन सुनेगा हमारी?😓 बहुत भारी मन से ये लिखी हूं और अच्छा तो बिल्कुल नहीं लग रहा है कि इतने दिन के बाद गर कुछ लिखूं तो वो मेरे आंसू लिखवाए।😥 (संभवतः काफी   त्रुटियां होंगी,कृपया साहित्य से जोड़ कर न देखें।🙏) 
मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रख रही हूं...आशा करती हूं आप लोग भी स्वस्थ होंगे और इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को सक्षम कर लिए होंगे। धन्यवाद.

#stayhome #staysafe #biharpolitics #nitishkumar #corona_awareness #yqdidi #jhapost #नवरूप
rupamjha5990

Rupam Jha

New Creator

कोई कविता नहीं लिखी गई है महज मेरे दुख़ व क्रोध हैं,खुद को रोक नहीं पाई और चंद पंक्तियां लिखी हूं। ख़ुद को लाचार, बेबस महसूस कर रही हूं कि अपने देश को बचाने के लिए घर में रहने के सिवा और कुछ नहीं कर पा रही हूं।और जिनके पास सत्ता है वो आत्मुग्धता के मारे हैं।अब तो वाकय इन मामलों पर उदासीन रहने का मन करता है,क्या होगा चीख - चिल्ला के कौन सुनेगा हमारी?😓 बहुत भारी मन से ये लिखी हूं और अच्छा तो बिल्कुल नहीं लग रहा है कि इतने दिन के बाद गर कुछ लिखूं तो वो मेरे आंसू लिखवाए।😥 (संभवतः काफी त्रुटियां होंगी,कृपया साहित्य से जोड़ कर न देखें।🙏) मैं ठीक हूं, अपना ख्याल रख रही हूं...आशा करती हूं आप लोग भी स्वस्थ होंगे और इस कठिन परिस्थिति से निपटने के लिए खुद को सक्षम कर लिए होंगे। धन्यवाद. #stayhome #staysafe #BiharPolitics #nitishkumar #corona_awareness #yqdidi #jhapost #नवरूप