शब्दों को लिए , अधरों को सिए , वो मौन बैठी हैं , वो कुछ कहती नहीं, वो शांत भी रहती नहीं, कुछ तो खलता हैं , लिखने वाले को भी और ज़माने को भी । ©Bhanu Priya #Pattiyan