रात होती नहीं तुम निकलते नहीं। तुम्हारी रौशनी में डूबकर चमकता है जमाना हजारों ख्वाब न सजते जो तुम निकलते नहीं और रात में न मिलते ये तार ओ सितारे दिलों के नींद ही न होती ग़र जो तुम निकलते नहीं।। ©SHIVAM TOMAR "सागर" #Moon