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दिल कहता है कैसे बदगुमान हो जाऊ बेबस वक़्त में तुझ

दिल कहता है कैसे  बदगुमान हो जाऊ बेबस वक़्त में तुझसे मालिक़ ...
ये आज़माइशे बताती है खास नज़र है तुझ पे मेरी लेकिन मेरा दिमाग कहता है कौन से आसमान पे हो तुम  ? 
गुनाहो में डूबी इंसान की ज़ात उस कुल कायनात के मालिक की आज़माइश के क़ाबिल कंहा ? 
आखिर इंसान कब समझेगा उसकी परेशानिया आज के वक़्तों में उसके अामाल का नतीजा है ,वो अल्लाह वाले अलग थे जिन्हे मेरा अल्लाह आज़माता था ...
इसलिए अस्तगफार का विर्द ज़ारी रखो , 
दुआ करो , अपनी ज़ात को बेइंतेहा गुनेहगार और अल्लाह की ज़ात को बेइंतेहा रेहमान मानो ..यकीनन उस पाक ज़ात की नज़रे करम एक न एक दिन ज़रूर होगी और वो  तुम्हे बख्श देगा !!!!

ख्याल
दिल कहता है कैसे  बदगुमान हो जाऊ बेबस वक़्त में तुझसे मालिक़ ...
ये आज़माइशे बताती है खास नज़र है तुझ पे मेरी लेकिन मेरा दिमाग कहता है कौन से आसमान पे हो तुम  ? 
गुनाहो में डूबी इंसान की ज़ात उस कुल कायनात के मालिक की आज़माइश के क़ाबिल कंहा ? 
आखिर इंसान कब समझेगा उसकी परेशानिया आज के वक़्तों में उसके अामाल का नतीजा है ,वो अल्लाह वाले अलग थे जिन्हे मेरा अल्लाह आज़माता था ...
इसलिए अस्तगफार का विर्द ज़ारी रखो , 
दुआ करो , अपनी ज़ात को बेइंतेहा गुनेहगार और अल्लाह की ज़ात को बेइंतेहा रेहमान मानो ..यकीनन उस पाक ज़ात की नज़रे करम एक न एक दिन ज़रूर होगी और वो  तुम्हे बख्श देगा !!!!

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nojotouser2120706789

Akram Qumar

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