Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat जब मुड़ कर देखा सोचा कुछ बन जाऊंगी जिस दिन तभी मुड़ कर देख पाऊंगी फिर सोचा मुड़ गई तो पहचान पाऊंगी ,ना पहचाना पर सवाल तो छोड़ कर आ पाऊंगी जो कहते थे तुम कुछ नहीं एक लिहाज़ से उसको ख़ुद पे इल्ज़ाम छोड़ आयुगी जो करते थे चर्चां उनकी चर्चा का मुद्दा तो बन जाऊंगी अब वक्त बदल चुका अब औरत कम नहीं ये सोच जीवन में उतार पाऊंगी अदब और तहज़ीब की संस्कारों में हो ना हो उनको औरत की हक़ीक़त का एहसास करवा पाऊंगी ना हैसियत ना हैरत ना हसीं बस हकीक़त से रूबरू करवा पाऊंगी ना करीब ना रकीब ना अजीब ना फरेंब बस नई हर्षिता की कहानी में भूमिका निभाती मायने समझा पाऊंगी सोचा था कुछ कुछ चूक भी गई ज़िन्दगी में पर अछूती ज़िन्दगी में ख़ुशनुमा एहसास करवा पाऊंगी तुम समझो ना समझो कितनों की ख़ुशी का कारण ख़ुद के कर्मं से मुस्कान दे पाऊंगी नमस्कार लेखकों।🌸 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें। #rzजब_मुड़कर_देखा_तो #yqrestzone #yqdidi yqrz #collabwithrestzone #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Rest Zone Written by Harshita ✍️