शौक संभलने के सारे नाकाम हो गए ज़िंदगी तेरे किस्से जब से आम हो गए जलता था दिन भर ये दिल बेचैन होकर उनकी बाहों में आए तो ढलती शाम हो गए खाली खाली रहते थे हम भी दुनिया से बेखबर जब से वह आए तो दुनिया भर के काम हो गए भुलाकर सब कुछ उसे ही सोचते रहना हर पल उनसे इश्क़ करके कुछ यूँ हमारे अंजाम हो गए ऐ दुनिया तू चीज़ ही क्या है सनम के आगे मेरे महबूब के आगे सब तमाम हो गए छीनकर हकीमों की रोजी वो मुस्कुराते हैं मेरे दर्द- ए-दिल के वो ही आराम हो गए राहे जब से ज़ुदा हुई हमारी ले गए मेरा नाम और हाँ सुनो तभी से हम अनाम हो गए #अनाम_ख़्याल 😌 #pc_byअनाम